Wednesday, December 18, 2013

अजनबी मुलाकात !!!

                                                                                                    
आज हुयी मेरी किसी से एक अजनबी मुलाकात !
सूरज की लाली इस धरा पे फैलने से पहले,
चिडियों की चहक फिजाओं मे गूंजने से पहले,
इस घने अँधेरी दुनियाँ मे रंगों के घुलने से पहले,
नयनों से नींदों की बेरिया टूटने से पहले,
सहज-शीतल-सुरीली हवाओं के थपेड़े के बीच
एक अजनबी मुलाकात !!

नींद मे भींगे छोटी सी गुफ्तगू के बाद,
नन्ही सी धड़कती इन्तजार के बाद,
अँधेरी रात मे टिमटिमाते ऊँचे दिये के पास,
शुरू हुयी मेरी एक अजनबी मुलाकात
एक छोटी सी माफ़ी के साथ !!

सुबह के सिकुड़ते अंधियारे मे
फैलती हमारी दोस्ती की विश्वास,
गुम-सुम,शांत-शीतल वातावरण मे खनखनाती हमारी बात,
हँसती-हसाती,रूठती-मनाती,एक-दूजे को सताती
सुने गलियारों मे हंसी बिखेरती
एक अजनबी मुलाकात !!



मन की खामोशियों को खोलती,
एक-दूसरे पे मस्तियाँ उड़ेलती,
छोटी-छोटी बातों पे खिलखिलाती,मुस्कुराती
समझती-समझाती,नजरें मिलाती-शर्माती,इठलाती
नयी–नयी दोस्ती पे अपना भरोसा जताती
एक अजनबी मुलाकात !!

गुनगुने बातों की लौ सुलगाती ,
कुछ बीते,कुछ आने वाले लम्हों को महसूस करती,
दो कदम के सफर को चटपटी-चुलबुली बातों मे भिगोंती,
नन्हे-नन्हे पलों को सुनहरी यादों मे सहेजती
एक अजनबी मुलाकात !!

मेरे बेचैन-उलझे-अशांत-ग़मगीन मन की
एक चैन-सुकून-खुशी-हंसी-दोस्ती के सा
 हुयी एक अनकही-अजनबी मुलाकात !!!
:-विभास कुमार वत्स(4-4-13)